ये सारे हिमखंड पिघल कर बरबस हमें डुबाएंगे, डरता हूँ,हम ना संभले तो कल को क्या समझायेंगे ये सारे हिमखंड पिघल कर बरबस हमें डुबाएंगे, डरता हूँ,हम ना संभले तो कल को क्या स...
जी लूँ उड़ते पंखो की जिंदगी, कल होगा ना ! जी लूँ उड़ते पंखो की जिंदगी, कल होगा ना !
सोच रहा हुँ थोड़ा बदल के देखूँ फर्ज़ की क़ैद से निकल के देखूँ। सोच रहा हुँ थोड़ा बदल के देखूँ फर्ज़ की क़ैद से निकल के देखूँ।
यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलायेगी । यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलायेगी ।
कुछ लम्हें चुरा लूँ, मैं कल के लिए... कुछ लम्हें चुरा लूँ, मैं कल के लिए...
चाय होने के लिए मुझे, तुममें घुलना पड़ेगा ! चाय होने के लिए मुझे, तुममें घुलना पड़ेगा !